क्यों करे ब्रह्मचर्य?

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इतनी सारी मेहनत सिर्फ़ एक आदत को हटाने के लिए?

जी नहीं, ब्रह्मचर्य..

सिर्फ़ इसलिए नहीं करना है क्योंकि आपको हस्तमैथुन की आदत हटानी है, सिर्फ़ इसलिए नहीं करना है क्योंकि आपको पोर्न की आदत हटानी है, सिर्फ़ इसलिए नहीं करना है क्योंकि आपको नशे की आदत हटानी है।

ब्रह्मचर्य इसलिए करना है क्योंकि

आप अपना जीवन उस तरह जी पाओ,

1. जैसे आप जीना चाहते हो,

2. जैसे आपको जीना चाहिए,

3. जैसे आप जी सकते हो,

4. परंतु इन बुरी आदतों के वश होकर जी नहीं पा रहे हो।

आपको ब्रह्मचर्य का पालन इसलिए करना है,

जिससे आप अपनी सारी क्षमताओं का संपूर्ण उपयोग करके अपना, अपनों का और समाज का जीवन सार्थक कर पाओ और अपने इस अमूल्य मनुष्य जीवन का संपूर्ण लाभ उठा पाओ।

ब्रह्मचर्य की साधना जीवन का सबसे महत्त्वपूर्ण चरण है। क्योंकि ब्रह्मचर्य की साधना ही एक पुरुष का संपूर्ण चरित्र बनाती है। ब्रह्मचर्य की उच्चतम स्तर की सफलता से वो आत्मा और परमात्मा का योग करके जीवन के सर्वोच्च ध्येय की प्राप्ति कर लेता है।

परंतु चलो मान लो कि यदि उच्चतम स्तर तक नहीं भी कर पाया तो भी जिस स्तर तक पहुँचेगा उस स्तर का उच्च चरित्र वो जीवन भर के लिए बना ही देगा।

इसीलिए वैदिक संस्कृति में शिक्षण का प्रथम चरण ब्रह्मचर्य होता था। जिसके कारण एकदम चरित्रवान युवा गुरुकुल से निकलते थे और समाज में उच्च स्तर का अनुशासन और नीतिपरायणता बनी रहती थी।

जब कि आज की शिक्षण प्रणाली का ध्येय विद्यार्थी के जीवन और समाज में अनुशासन और नीतिपरायणता लाना न होकर मात्र अर्थ की प्राप्ति बन गया है। हालाँकि और वो भी सही से किसी को नहीं दिला पा रही है।

खैर, अभी ये तो समझ लिए की ब्रह्मचर्य का पालन क्यों करना है…

अब आइए जानते हैं ब्रह्मचर्य पालन न करने के दुष्प्रभाव, अर्थात्… वीर्यनाश से होने वाले अलग-अलग असर

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